IPO में निवेश कैसे करें? जानिए IPO का तरीका, फायदे-नुकसान, Allotment Process, 2025 Upcoming IPO List और Smart Investment Tips।
परिचय – IPO में निवेश कैसे करें
भारत में हर साल लाखों नए निवेशक शेयर बाजार से जुड़ते हैं। इनमें से ज़्यादातर लोग शुरुआत करने के लिए सबसे आसान और सुरक्षित विकल्प खोजते हैं। IPO (Initial Public Offering) एक ऐसा विकल्प है जिसने हाल के वर्षों में निवेशकों को जबरदस्त आकर्षित किया है।
IPO एक ऐसा मौका होता है जब कोई कंपनी पहली बार जनता से पैसा जुटाने के लिए अपने शेयर स्टॉक एक्सचेंज (NSE, BSE) पर ऑफर करती है। इससे कंपनी को फंड मिलता है और निवेशक को कंपनी में शुरुआती स्तर पर शामिल होने का अवसर।
उदाहरण:
- Nykaa IPO (2021) ने लिस्टिंग के दिन 80% का गेन दिया।
- Zomato IPO (2021) oversubscribed हुआ और निवेशकों ने लिस्टिंग पर बढ़िया मुनाफ़ा कमाया।
- लेकिन Paytm IPO (2021) निवेशकों के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ।
यानी IPO निवेश आपको तेज़ मुनाफ़ा भी दे सकता है और जोखिम भी दिखा सकता है। इसलिए IPO में निवेश करने से पहले सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे –
• IPO क्या है?
• IPO के प्रकार, फायदे और नुकसान
• IPO में निवेश का स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
• Oversubscription, Allotment और Investor Allocation
• SME IPO और Mainline IPO का अंतर
• 2025 के बड़े IPOs
• IPO से जुड़ी Case Studies और Smart Tips
Table of Contents
- IPO क्या है?
- कंपनियाँ IPO क्यों लाती हैं?
- IPO के प्रकार
- IPO और अन्य निवेश विकल्प (Mutual Funds, Direct Stocks) की तुलना
- IPO में निवेश क्यों करें?
- IPO में निवेश के फायदे
- IPO में निवेश के नुकसान और रिस्क
- IPO में निवेश करने से पहले ज़रूरी तैयारी
- IPO में निवेश का Step-by-Step Process
- IPO Oversubscription क्या होता है?
- Retail Investor, HNI और QIB Allocation Explained
- SME IPO vs Mainline IPO – अंतर और अवसर
- IPO Investment Mistakes to Avoid
- IPO Success Stories और Case Studies
- भारत में 2025 के आने वाले बड़े IPOs
1. IPO क्या है?
IPO यानी Initial Public Offering। जब कोई प्राइवेट कंपनी पहली बार पब्लिक से फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचती है, तो उसे IPO कहते हैं।
यह कंपनी और निवेशक – दोनों के लिए फायदे का सौदा होता है:
- कंपनी के लिए: बिजनेस बढ़ाने, कर्ज चुकाने और ब्रांड वैल्यू बढ़ाने का मौका।
- निवेशक के लिए: शुरुआती स्तर पर कंपनी का शेयर खरीदने और भविष्य में मुनाफ़ा कमाने का अवसर।
• IPO आने से पहले कंपनी SEBI को अपना DRHP (Draft Red Herring Prospectus) देती है, जिसमें कंपनी का पूरा वित्तीय विवरण होता है –
- बिजनेस मॉडल
- मुनाफ़ा और घाटा
- कंपनी पर कर्ज
- जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहाँ होगा
- Promoters और Management की जानकारी
2. कंपनियाँ IPO क्यों लाती हैं?
कंपनियों के लिए IPO सिर्फ पैसा जुटाने का जरिया नहीं होता, बल्कि इसके कई उद्देश्य होते हैं:
- Expansion (विस्तार): नए प्रोजेक्ट शुरू करने और बिजनेस फैलाने के लिए।
- Debt Repayment: बैंक या निवेशकों से लिया गया कर्ज चुकाने के लिए।
- Brand Value: पब्लिक कंपनी बनने से कंपनी की साख बढ़ती है।
- Liquidity: शुरुआती निवेशक (Venture Capital, Private Equity) और Promoters को Exit का मौका मिलता है।
- Market Recognition: लिस्टेड कंपनी बनने से Media और Market में पहचान बढ़ती है।
• उदाहरण: LIC IPO (2022) भारत सरकार ने अपने कर्ज और खर्च को पूरा करने के लिए लाया था।
3. IPO के प्रकार
(a) Fixed Price IPO
- कंपनी पहले से शेयर की कीमत तय करती है।
- निवेशक उसी प्राइस पर खरीद सकते हैं।
उदाहरण: अगर प्राइस ₹100 तय है तो सभी निवेशक को ₹100 में शेयर मिलेगा।
(b) Book Building IPO
- इसमें कंपनी एक प्राइस बैंड (जैसे ₹100–₹120) तय करती है।
- निवेशक अपनी बोली लगाते हैं।
- अंतिम प्राइस demand और supply से तय होता है।
• आजकल ज्यादातर IPO Book Building Process से आते हैं।
4. IPO और अन्य निवेश विकल्प (Mutual Funds, Direct Stocks) की तुलना
निवेश विकल्प | जोखिम | रिटर्न | समयावधि | निवेशक की भूमिका |
---|---|---|---|---|
IPO | मध्यम से उच्च | Listing Gain + Long Term | Short + Long Term | रिसर्च जरूरी |
Mutual Fund | कम से मध्यम | स्थिर रिटर्न | Long Term | Professional Fund Manager |
Direct Stocks | उच्च | बहुत ज्यादा मुनाफ़ा या घाटा | Flexible | खुद रिसर्च करनी होगी |
• IPO शुरुआती निवेशकों के लिए आसान विकल्प हो सकता है, लेकिन इसमें रिस्क भी है।
5. IPO में निवेश क्यों करें?
- Early Entry का मौका: कंपनी की शुरुआती ग्रोथ से फायदा।
- कम पूंजी से शुरुआत: ₹15,000–₹20,000 में निवेश संभव।
- Listing Gain: पहले ही दिन 20–80% तक का मुनाफ़ा मिल सकता है।
- Transparency: SEBI के नियमों से कंपनी का डेटा मिलता है।
- Portfolio Diversification: नए सेक्टर में निवेश का अवसर।
6. IPO में निवेश के फायदे

- लिस्टिंग गेन (Listing Gain): Nykaa, IRCTC जैसे IPOs ने पहले दिन ही शानदार रिटर्न दिए।
- लंबी अवधि का फायदा (Long Term Growth): Infosys और Wipro IPO निवेशकों को करोड़पति बना चुके हैं।
- Brand Trust: पॉपुलर और भरोसेमंद कंपनियों में निवेश का अवसर।
- कम पूंजी में बड़ा फायदा: छोटे निवेश से बड़ा मुनाफ़ा संभव।
- पोर्टफोलियो Diversification: IPO निवेश आपके Portfolio को संतुलित करता है।
7. IPO में निवेश के नुकसान और रिस्क
- Overhype का खतरा: कई बार कंपनी का प्रचार ज्यादा, लेकिन बिजनेस कमजोर।
- लिस्टिंग लॉस: Paytm IPO इसका उदाहरण है।
- High Valuation Risk: कंपनियाँ महंगे दाम पर शेयर बेचती हैं।
- Future Uncertainty: नए बिजनेस मॉडल में जोखिम होता है।
- Oversubscription: अगर ज्यादा लोग आवेदन करते हैं तो allotment न मिलना।
8. IPO में निवेश करने से पहले ज़रूरी तैयारी
- Demat और Trading account
- PAN Card और Aadhar Card
- UPI ID और Bank Account
- KYC Verification
• बिना Demat Account आप IPO में निवेश नहीं कर सकते।
9. IPO में निवेश का Step-by-Step Process

स्टेप | क्या करना है | Tools/Apps |
---|---|---|
Step 1 | Demat Account खोलें | Zerodha, Upstox, Groww |
Step 2 | UPI/ASBA लिंक करें | Google Pay, PhonePe, NetBanking |
Step 3 | सही IPO चुनें | DRHP, Financial Reports |
Step 4 | IPO Apply करें | Broker App IPO Section |
Step 5 | Allotment चेक करें | NSE/BSE Website |
• IPO allotment lottery system पर आधारित होता है।
10. IPO Oversubscription क्या होता है?
जब किसी IPO में निवेशकों की Demand कंपनी द्वारा ऑफर किए गए शेयरों से ज्यादा होती है, तो उसे Oversubscription कहते हैं।
• उदाहरण:
अगर किसी IPO में 1 करोड़ शेयर ऑफर हुए और 10 करोड़ शेयरों की demand आई, तो यह 10x oversubscribed कहलाएगा।
इस स्थिति में Retail Investors को lottery system से allotment मिलता है।
11. Retail Investor, HNI और QIB Allocation Explained

IPO में शेयर अलग-अलग कैटेगरी में बांटे जाते हैं:
- Retail Investors (RI): 35%
- High Networth Individuals (HNI): 15%
- Qualified Institutional Buyers (QIB): 50%
• Retail Investors को छोटे लॉट मिलते हैं और allotment lottery पर निर्भर करता है।
12. SME IPO vs Mainline IPO – अंतर और अवसर
फीचर | Mainline IPO | SME IPO |
---|---|---|
Market | NSE/BSE Mainboard | SME Platform |
Investors | Large + Retail | Mostly Retail & Small Investors |
Investment Size | ₹15,000–₹20,000 | ₹1–2 लाख |
Risk | Medium | High |
Return | Stable + Long Term | High Gain + High Risk |
• SME IPOs में रिस्क ज्यादा होता है, लेकिन अगर कंपनी सफल रही तो रिटर्न भी जबरदस्त मिल सकता है।
13. IPO Investment Mistakes to Avoid
• सिर्फ Brand देखकर निवेश करना
• DRHP और Financial Reports न पढ़ना
• Loan लेकर IPO में पैसा लगाना
• Short Term Gain पर ज्यादा भरोसा करना
• एक ही IPO में पूरा पैसा लगाना
14. IPO Success Stories और Case Studies
- Infosys IPO (1993): ₹9,500 का निवेश आज करोड़ों का हो चुका है।
- Nykaa IPO (2021): Listing पर 80% गेन, लेकिन बाद में प्राइस गिरा। Lesson: सिर्फ listing gain पर भरोसा मत करो।
- Paytm IPO (2021): ओवरवैल्यूएशन के कारण नुकसान। Lesson: Overhype से बचो।
15. भारत में 2025 के आने वाले बड़े IPOs
कंपनी | सेक्टर | अनुमानित फंडरेज़ | खासियत |
---|---|---|---|
OYO | Hospitality | ₹8,000 Cr | Budget + Luxury होटल नेटवर्क |
Swiggy | Food Delivery | ₹7,000 Cr | Zomato का मुकाबला |
Ola Electric | EV Sector | ₹10,000 Cr | भारत का सबसे बड़ा EV Player |
BYJU’s | EdTech | ₹6,500 Cr | Online Education Giant |
PharmEasy | Healthcare | ₹5,000 Cr | Medicine Delivery Leader |
FAQs
Q1. IPO allotment कैसे होता है?
यह lottery system पर आधारित होता है।
Q2. क्या IPO में नुकसान हो सकता है?
हाँ, अगर कंपनी कमजोर या ओवरवैल्यूड है।
Q3. क्या IPO long-term के लिए सही है?
हाँ, अगर कंपनी strong है तो multibagger बन सकता है।
Q4. SME IPO और Mainline IPO में क्या फर्क है?
SME IPO ज्यादा risky लेकिन high gain वाला होता है।
Q4. IPO में न्यूनतम कितने पैसे से निवेश किया जा सकता है?
IPO में न्यूनतम निवेश की राशि IPO के Lot Size पर निर्भर करती है। आमतौर पर एक लॉट में 10 से 15 शेयर होते हैं और उसका मूल्य ₹10,000 से ₹15,000 तक हो सकता है। छोटे SME IPOs में यह राशि ₹1,20,000 तक भी हो सकती है।
Q5. IPO Oversubscription क्या होता है?
जब किसी IPO के लिए आवेदन करने वाले निवेशकों की संख्या उपलब्ध शेयरों से ज्यादा हो जाती है, तो उसे Oversubscribed IPO कहा जाता है। ऐसे में लॉटरी सिस्टम से निवेशकों को शेयर अलॉट किए जाते हैं।
Q6. क्या हर किसी को IPO allotment मिलता है?
नहीं, अगर IPO बहुत ज्यादा Oversubscribed हो जाता है तो हर निवेशक को allotment नहीं मिलता। यह पूरी तरह से लॉटरी सिस्टम पर निर्भर करता है।
Q7. क्या IPO में शॉर्ट-टर्म गेन करना बेहतर है या लॉन्ग-टर्म होल्ड करना?
यह कंपनी और मार्केट कंडीशन पर निर्भर करता है। कुछ IPOs (जैसे Zomato, Nykaa) ने लिस्टिंग डे पर बड़ा गेन दिया, लेकिन बाद में प्राइस गिर गया। जबकि Infosys, TCS जैसे IPO में लॉन्ग-टर्म होल्ड करने वालों को करोड़ों का फायदा हुआ।
Q8. क्या Demat Account के बिना IPO में निवेश संभव है?
नहीं, IPO शेयर सीधे Demat Account में ही मिलते हैं। इसलिए IPO में निवेश करने के लिए Demat + Trading Account होना जरूरी है।
निष्कर्ष
IPO निवेशकों के लिए तेज़ मुनाफ़े और लंबी अवधि के ग्रोथ का बेहतरीन अवसर है। लेकिन हर IPO में निवेश करना समझदारी नहीं है। सही IPO चुनने के लिए आपको कंपनी का बिजनेस मॉडल, Financial Reports, Promoters और Future Growth देखना जरूरी है।
IPO निवेश = Research + Patience + Smart Strategy
Disclaimer
यह ब्लॉग केवल शैक्षिक (Educational Purpose) और जानकारी (Information Purpose) के लिए लिखा गया है। इसमें दिए गए विचार, सुझाव और उदाहरण किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह (Financial Advice) नहीं हैं। शेयर मार्केट और IPO निवेश (IPO Investment) जोखिमों से जुड़ा हुआ है और इसमें लाभ के साथ-साथ हानि भी हो सकती है।
निवेश करने से पहले हमेशा अपनी फाइनेंशियल स्थिति, रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखें और जरूरत पड़ने पर किसी SEBI Registered Financial Advisor से सलाह लें।
ब्लॉग में दिए गए डेटा, केस स्टडी और उदाहरण पब्लिक डोमेन से लिए गए हैं, जिनकी सटीकता की गारंटी लेखक नहीं देता। निवेश का अंतिम निर्णय पूरी तरह से आपका होगा।